ऑपरेशन आवाज
चर्चा में क्यों ?
• राजस्थान पुलिस द्वारा स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से महिला सुरक्षा एवं सम्मान हेतु एक माह के लिए (13 अक्टूबर से 12 नवंबर तक) विशेष अभियान संचालित किया गया।
ऑपरेशन आवाज क्या है ?
• आवाज (AAWAJ) कार्यक्रम का मतलब ‘एक्शन अगेंस्ट वुमन रिलेटेड क्राइम एंड अवेयरनेस फॉर जस्टिस’ है।
• यह कार्यक्रम सर्वप्रथम झुंझुनूं में एक साल पहले शुरू किया गया था, जिसके सकारात्मक परिणामों को देखकर इस मुहिम को पूरे प्रदेश में लागू करने का प्रयास किया गया।
• इस कार्यक्रम द्वारा युवाओं, बालकों व समस्त नागरिकों में नारी सम्मान के महत्व के संबंध में जागरुकता लाने का प्रयास किया गया।
• किसी प्रकार का अत्याचार होने पर जिला कन्ट्रोल रूम, गरिमा हैल्पलाईन नम्बर व राज महिला सुरक्षा ट्रेकर एप्प पर इसकी सूचना दी जा सकती हैं।
• पुलिस की ओर से जिला प्रशासन व गैर प्रशासनिक संगठनों, थानाधिकारी अपने थाना क्षेत्र में बनाए पुलिस मित्रों, ग्राम रक्षकों एवं सीएलजी (Community Liaison Group/ सामुदायिक संपर्क समूह) सदस्यों के सहयोग के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, आशा सहयोगिनी, एएनएम (Auxiliary nurse midwife/ सहायक नर्स मिडवाइफ) आदि से समन्वय स्थापित कर इस अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया गया।
• इसमें नुक्कड़ नाटकों, गीतों इत्यादि सहित अनेक तरह के प्रचार प्रसार के ज़रिए महिला अत्याचार, दुष्कर्म व अन्य अपराधों को रोकने, महिलाओं में सुरक्षा संबंधी कानूनी जागरूकता लाने का प्रयास जाता है।
• पुलिस अधिकारी बालिकाओं व महिलाओं की सुरक्षा संबंधी योजना चलाने के साथ-साथ नवाचारों को भी आमंत्रित किया गया।
• कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु इसके अलावा राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद) कार्यक्रम के तहत संचालित स्वयं सहायता समूह (SHG), RSLDC के स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम, नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट गाइड तथा गैर सरकारी संस्थाओं (NGOs) आदि के माध्यम से महिला सुरक्षा संबंधी कानूनी प्रावधानों का प्रचार-प्रसार किया गया।
उद्देश्य क्या है ?
• राजस्थान पुलिस विभिन्न विभागों को साथ लेकर महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
• राज्य में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी लाना।
• महिलाओं और बच्चियों को अपने अधिकारों एवं कानूनों के प्रति सजग करना, लैंगिक समानता उत्पन्न करना, महिला अपराधों में कमी लाना, युवाओं व बालकों में महिला सुरक्षा एवं सम्मान का के महत्व को समझाने हेतु उनके अधिकारों पर चर्चायें आयोजित करना।
• बालिकाओं के साथ-साथ युवाओं को भी जागरुक करना।