(समर्थ कौशल से आत्मनिर्भर)
सब के जीवन का होगा अर्थ, कौशल बनाएगा समर्थ
राज्य और समाज की महिलाओं, विशेष एवं वंचित वर्गों, पिछडे एवं हाषिये पर मौजूद परिवारों के लोगों को अपनी बदहाली के कारणों को समझने, अपनी क्षमता बढ़ाने व रोजगार/स्वरोजगार एवं उद्यमिता आधारित कौशल प्राप्त करते हुए अपनी आयसृजन क्षमता व स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के उद्देश्य से निगम की ओर से समर्थ योजना तैयार की गई है।
योजना के प्रमुख प्रावधानः
• समर्थ योजना विशेष लक्षित समूह के लिये है जिसका उद्देश्य युवाओं को आजीविका अर्जन हेतु समर्थ बनाना है। जिसके लाभार्थी राजस्थान राज्य के निवासी जिनमें विशेष योग्य जन, कारागारबन्दी, नारी निकेतन, किशोर गृह/बालिका गृह, अनाथालय,ट्रांसजेण्डर, विधवा/परित्यक्ता, अल्पसंख्यक, वंचित वर्ग के राज्य के निवासी जैसे सांसी, बेडिया, नट, गाडिया लुहार/घुमंतु/अर्धघुमन्तु, कंजर, सहरिया, गरासिया, डामोर, कथोडी आदि, अवैध शराब बनाने वाले समुदाय एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त भिखारी, सफाईकर्मी, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी शामिल हैं।
• आयु सीमा :- 15-45 वर्ष
जेल आवासीयों, भिखारी, सफाईकर्मी, ट्रांसजेण्डर, विधवा/परित्यक्ता एवं किसानों के लिये आयु सीमा 15
से 50 वर्ष।
विशेष योग्यजन के लिये आयु सीमा 18 से 45 वर्ष
• 100 % राज्य सरकार पोषित योजना जिसमें है निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा।
• योजनान्तर्गत लघु एवं अतिलघुअवधि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी शामिल किया जाएगा, जिसमें 7 से 15 दिवस के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल किये जाएंगे जैसे सोफ्ट स्किल प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास प्रशिक्षण, अंग्रजी व्यवहारिक भाषा ज्ञान इत्यादि।
• लाभार्थियों की मांग के अनुसार नये पाठयक्रमों को भी डिजाइन किया जाएगा।
• वंचित समुदायों की आर्थिक सामाजिक सीमाओं को ध्यान में रखते हुए दैनिक प्रशिक्षण अवधि न्यूनतम 2 घंटे प्रतिदिवस से अधिकतम 6 घंटे प्रति दिवस होगा।
• आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों पर अवधि 8 घंटे प्रतिदिन।
• गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण उपरान्त स्वरोजगार संबन्धित सहयोग।
• निगम द्वारा सूचीबद्ध/ स्वीकृत एजेन्सी/ काउन्सिल/ संस्थान द्वारा तृतीय पक्ष मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण।
• प्रशिक्षण पंजीयन निःशुल्क।
• प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी ।